
ज़िंदगी का कुछ लम्हा मैंने महसूस किया है ,
कुछ हकीकत से उलझी हुई , तो कुछ राज़ से समेटे हुई ,
कुछ मुस्कुराहट की तरह फेहले हुई , कुछ आंसुओं से धूलि हुई ,
कुछ बेवजह गुस्सा करते हुए , और कुछ सुनहरी यादों में लिपटी हुई ,
कुछ भाग्य बनाते हुए , कुछ किस्मत बिगड़ते हुए ,
कुछ आशाओं की लड़ी सजाते हुए , तो कुछ कुछ भी ना बयान करते हुए ,
ज़िंदगी का हर कीमती लम्हा ऐसे ही सवारें हुए
उसे महसूस किया है मैंने ॥
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